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पौंग झील में पहुंचे 48228 प्रवासी परिंदे, झील किनारे हो रही खेती से परिंदों की जान को खतरा।

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पौंग झील में पहुंचे 48228 प्रवासी परिंदे, झील किनारे हो रही खेती से परिंदों की जान को खतरा।

हाइलाइट

(1)    पौंग झील में अभी तक 48228 प्रवासी पक्षियों की आमद हो चुकी है.

(2)    पौंग झील किनारे धड़ल्ले से हो रही खेती के कारण इन प्रवासी पक्षियों की जान पर बन आती है।

(3) पौंग झील किनारे प्रतिबन्ध के बावजूद हो रही अवैध खेती करने वालों को वन्य प्राणी विभाग की टीम पकड़ नहीं पा रही है

(4)     डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि

इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि खेती करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। बाड़ इत्यादि को जेसीबी लगवाकर हटवा दिया जाएगा। अगर किसी ने इस कार्य में रुकावट डालने की कोशिश की तो उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा।

 

  पौंगबांध/कांगडा,12 दिसंबर, जिला व्यूरो चीफ़ विजय समयाल

पौंग झील में अभी तक 48228 प्रवासी पक्षियों की आमद हो चुकी है जिनमें बार हैडिडगीज प्रजाति के 5840, कॉमन कूट 1756, नॉर्दन पिनटेल 1992, कॉमन पोचार्ड 1340 तथा यूरेशियन कूट 2730 पक्षी पहुंचे हैं। बाहर से आए विदेशी पक्षियों को विभाग द्वारा हर वर्ष रिंग भी डाले जाते हैं ताकि उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। इसके अलावा भी अन्य प्रजाति के पक्षी भी झील में पहुंचे हैं। पौंग झील प्रवासी पक्षियों की आमद से गुलजार हो गई है। यह प्रवासी पक्षी अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, साइबेरिया सहित अन्य बाहरी देशों से लाखों मील का सफर करके पौंग झील में नवंबर माह में पहुंचते हैं तथा अप्रैल माह तक डेरा जमाए रखते हैं। इनकी सुरक्षा का जिम्मा वन्य प्राणी विभाग के हवाले होता है। यह पक्षी शांत जगह में रहते हैं तथा इनको खुला वातावरण बेहद पसंद होता है। पानी में रहने के अलावा इनको खुली जगह में घूमना व अपने भोजन करना भी पसंदीदा होता है लेकिन पौंग झील किनारे धड़ल्ले से हो रही खेती के कारण इन प्रवासी पक्षियों की जान पर बन आती है। जब प्रवासी पक्षी यजी हुई फसल को खाते हैं तो लोग इनका खेती की आड़ में शिकार कर लेते हैं। हर वर्ष सैंकड़ों ही प्रवासी पक्षियों का शिकार कर लिया जाता है। पौंग झील किनारे प्रतिबन्ध के बावजूद हो रही अवैध खेती करने वालों को वन्य प्राणी विभाग की टीम पकड़ नहीं पा रही है तो वो प्रवासी पक्षियों का शिकार करने वालों को क्या पकड़ पाएंगी। पर्यावरण प्रेमियों ने वन्य प्राणी विभाग से मांग उठाई है कि झील किनारे हो रही खेती को बन्द करवाया जाए तथा खेती करने वालों पर कार्रवाई अमल में लाई जाए।

डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन के बोल……

इस बारे में वन्य प्राणी विभाग हमीरपुर के डीएफओ रेजीनोड रॉयस्टोन ने कहा कि खेती करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। बाड़ इत्यादि को जेसीबी लगवाकर हटवा दिया जाएगा। अगर किसी ने इस कार्य में रुकावट डालने की कोशिश की तो उसके खिलाफ केस दर्ज करवाया जाएगा।

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