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वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर के एएसआई सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने एएसआई सर्वे पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए परिसर के एएसआई सर्वे को हरी झंडी दिखा दी है

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वाराणसी हाईकोर्ट ने दिया ऐतिहासिक निर्णय

चीफ जस्टिस ने कहा कि सर्वे पर लगी रोक समाप्त की जाती है। कोर्ट ने एएसआई सर्वे को लेकर एएसआई की तरफ से दिए हलफनामे पर टिप्पणी की कि उस हलफनामा पर अविश्वास करने का कोई आधार नहीं है। हलफनामा में एएसआई ने कहा था कि उनके सर्वे से ज्ञानवापी परिसर में किसी भी प्रकार का इंच भर भी नुकसान नहीं होगा। हाईकोर्ट ने वाराणसी ज‍िला कोर्ट के सर्वे कराने के आदेश को भी सही माना है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने का अंदेशा जताया था।

राजा टोडरमल ने कराया था काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण
वर्ष 1585 में राजा टोडरमल ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया था। वह अकबर के नौ रत्नों में से एक माने जाते हैं, लेकिन वर्ष 1669 में औरंगजेब के आदेश पर इस मंदिर को पूरी तरह तोड़ दिया गया और वहां पर एक मस्जिद बना दी गई। बाद में मालवा की रानी अहिल्याबाई ने ज्ञानवापी परिसर के बगल में नया मंदिर बनवाया, जिसे आज हम काशी विश्वनाथ मंदिर के रूप में जानते हैं। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि इस विवादित ढांचे के नीचे ज्योतिर्लिंग है। यही नहीं ढांचे की दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र भी प्रदर्शित है।

मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की बात कही थी,

मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से ढांचे को नुकसान होने की बात कही थी, जिसके बाद एएसआई की ओर से एक एफिडेविट दाखिल कर कहा गया था कि सर्वे से कोई नुकसान नहीं होगा, जिसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ये फैसला सुनाया. एएसआई ने कहा कहा कि अगर खुदाई करने की जरुरत हुई तो उसके लिए पहले कोर्ट से इजाजत ली जाएगी. कोर्ट के फैसले के बाद अब कभी भी ज्ञानवापी परिसर का एएसआई सर्वे शुरू किया जा सकता है. हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु जैन के मुताबिक कोर्ट ने इस बात को स्वीकार किया कि सर्वे को किसी भी स्टेज पर शुरू किया जा सकता है.

        मुस्लिम पक्ष ने दी थी ये दलील

दरअसल, 21 जुलाई को मुस्लिम पक्ष ने ज्ञानवापी का सर्वे कराए जाने के जिला अदालत के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. ओर मस्जिद के ढांचे को नुकसान होने की बात कहकर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी. मुस्लिम पक्ष अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में जुट गया है.

हिन्दू पक्ष की दलील

आपको बता दें कि हिंदू पक्ष का कहना है कि विवादित जगह पहले मंदिर था. औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाई थी. विवादित परिसर में आज भी हिंदू धर्म के प्रतीक चिन्ह मौजूद हैं. एडवोकेट कमीशन की रिपोर्ट में यह सामने भी आया है.ज्ञानवापी प्रकरण में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा

मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी पर‍िसर के एएसआई सर्वे के वाराणसी जिला जज के फैसले के खिलाफ दायर अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज करते हुए सर्वे कराए जाने का आदेश द‍िया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण करने की अनुमति देने के बाद इस मामले में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा क‍ि मुस्लिम पक्ष इस आदेश को चुनौती  को  सुप्रीम कोर्ट  में चुनौती देंगे

 

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