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जन्म और मृत्यु प्रमाण से जुड़ा संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, पास हुआ तो हो जाएंगे ये बदलाव

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जन्म और मृत्यु प्रमाण से जुड़ा संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश, पास हुआ तो हो जाएंगे ये बदलाव

­ लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 (1969 का 18) (अधिनियम) जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के विनियमन और उससे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए दावा किया कि सदन में ऐसा करने के लिए विधायी क्षमता का अभाव है।मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हो रहा है। इसी बीच सरकार ने बुधवार को लोकसभा में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से इस विधेयक को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया।

नित्यानंद राय:लोकसभा में विधेयक पेश करते हुए कहा कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 (1969 का 18) (अधिनियम) जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के विनियमन और उससे जुड़े मामलों के लिए अधिनियमित किया गया था।बता दें कि इसमें कहा गया है कि इसका मकसद अधिनियम में संशोधन के बाद नये कानून के प्रभाव में आने पर जन्म लेने वाले किसी व्यक्ति को नये कानून के अमल आने पर किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिले, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, केंद्र सरकार, राज्य सरकार में पदों पर नियुक्ति को लेकर जन्म प्रमाणपत्र को एक ही दस्तावेज के रूप में प्रयोग करने की बात कही गई है।विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969, जन्म एवं मृत्यु के मामलों के पंजीकरण के नियमन को लेकर अमल में आया था। इस अधिनियम में अबतक संशोधन नहीं किया गया है और इसके संचालन की अवधि के दौरान सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने और इसे अधिक नागरिक अनुकूल बनाने के लिए अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता है।नित्यानंद राय ने कहा कि उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों, आम जनता और अन्य हितधारकों के साथ किए गए परामर्श के आधार पर एक विधेयक के रूप में अधिनियम के कुछ प्रावधानों में संशोधन करने का प्रस्ताव है।

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विधेयक पेश करने का विरोध करते हुए दावा किया कि सदन में ऐसा करने के लिए ‘विधायी क्षमता’ का अभाव है। हालांकि, बाद में विधेयक को ध्वनिमत से पेश किया गया।

 

 

 

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