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आपदा राहत मैनुअल में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अब आपदा में मकान और दुकान के क्षतिग्रस्त होने पर प्रभावितों को एक लाख रुपए मुआवजा मिलेगा.

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शिमला:      आपदा राहत मैनुअल में बदलाव कर दिया है. इसके तहत अब आपदा में मकान और दुकान के क्षतिग्रस्त होने पर प्रभावितों को एक लाख रुपए मुआवजा मिलेगा. प्रदेश सरकार ने हिमाचल में भारी बारिश के दौरान आई आपदा को मद्देनजर रखते हुए प्रभावितों के लिए मुआवजा राशि में बढ़ोतरी की है. प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है. प्रदेश सरकार ने हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावितों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए मुआवजे की राशि में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है. इसके मुताबिक 7 जुलाई 2023 से 15 जुलाई 2023 के दौरान आई बाढ़, बादल फटने और लैंडस्लाइड से प्रभावित हुए परिवारों को विशेष राहत पैकेज के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी.

         खेतों में सिल्ट आने पर मुआवजा बढ़ा

कृषि भूमि में बाढ़ से सिल्ट आने पर पहले जहां लगभग 1400 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था. इसे बढ़ाकर अब पांच हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया गया है. इसके साथ ही कृषि और बागवानी योग्य भूमि को नुकसान होने पर पहले 3 हजार 600 रुपये प्रति बीघा की आर्थिक मदद दी जाती थी, जिसे बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति बीघा किया गया है. प्राकृतिक आपदा में किसानों व बागवानों की फसल को नुकसान होने पर 300 से 500 रुपये प्रति बीघा मुआवजा दिया जाता था. सरकार ने इसे बढ़ाकर दो हजार रुपये प्रति बीघा कर दिया है. वर्तमान प्रदेश सरकार की ओर से गाय, भैंस और अन्य दुधारू पशुओं की जान जाने पर 55 हजार रुपये प्रति पशु की आर्थिक सहायता दी जाएगी. यह सहयता पहले 37 हजार 500 रुपये थी. प्रदेश में भेड़, बकरी और सुअर की जान जाने पर मिलने वाली आर्थिक मदद को छह हजार रुपये कर दिया गया है. साथ ही पहले यह मुआवजा अधिकतम 30 भेड़, बकरी और सुअर के लिए ही दिया जाता था, लेकिन राज्य सरकार ने इस शर्त को भी खत्म कर दिया है.

आंशिक नुकसान होने पर 10 हजार रुपये

हिमाचल प्रदेश में पहले राहत मैनुअल के तहत पक्के घर को आंशिक क्षति पर 12 हजार 500 रुपये और कच्चे मकान को आंशिक नुकसान होने पर 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती थी. सुक्खू सरकार ने हिमाचल में त्रासदी को देखते हुए इसे बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में दुकानों और ढाबों को नुकसान होने पर पहले सिर्फ सामान की एवज में 10 हजार रुपये की मामूली आर्थिक मदद मिलती थी. जिसे अब प्रदेश सरकार ने 10 गुना बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया है. इसके अलावा किराएदार के सामान को नुकसान होने पर पहले 25 हजार रुपये की मदद दी जाती थी, जिसे अब दोगुना कर 50 हजार रुपये कर दिया गया है. गौरतलब है कि यह बड़ी हुई मुआवजा राशि केवल 7 जुलाई से 15 जुलाई तक हुई आपदा घटनाओं में ही दी जाएगी. सरकार ने इस मुआवजे के लिए चलने वाली प्रशासन की पेचीदा कार्यप्रणाली में भी ढिलाई देने का फैसला लिया है.

          हिमाचल  हुआ भारी नुकसान

हिमाचल प्रदेश को भारी बारिश से अब तक 4 हजार 691 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. प्रदेश में 24 जून से लेकर अब तक 125 लोगों की जान गई है जबकि 540 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं इसके अलावा 4 हजार 363 घर आंशिक रूप से तबाह हुए हैं. हिमाचल प्रदेश में रेड अलर्ट के बीच सबसे ज्यादा तबाही 7 जुलाई से लेकर 12 जुलाई की बारिश में हुई है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का कहना है कि प्रदेश में हुआ नुकसान आठ हजार करोड़ के पार जा सकता है.

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