सबसे पहले जानते हैं समान नागरिक संहिता या यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) है क्या ?
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सबसे पहले जानते हैं समान नागरिक संहिता या यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) है क्या ?
देश में आजकल चर्चा में यह वीर सरल भाषा में कहें तो यूनिफॉर्म सिविल कोड एक ऐसा प्रावधान होगा, जिसमें देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होंगे। फिर वह किसी धर्म, जाति या समुदाय या पंथ से क्यों न हो। इसमें शादी, तलाक, बच्चे को गोद लेने की प्रक्रिया और संपत्ति के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक सामान कानून लागू होगा। समान नागरिक संहिता को पंथनिरपेक्ष कानून भी कहा जाता है जो देश के सभी धर्मों के लोगों के लिए समान रूप से लागू होता है।इसके जरिए हर प्रकार के धर्म को मानने वालों के लिए सामान कानून का ही पालन करना पड़ेगा। हमारे संविधान में अब तक अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग पर्सनल लॉ हैं, जो UCC लागू होने के बाद खत्म हो जाएंगे। इसमें महिलाओं और पुरुषों को भी समान अधिकार मिलेंगे। बता दें कि मुस्लिम, ईसाई और पारसी समुदाय का पर्सनल लॉ है जबकि हिन्दू सिविल कोड के तहत हिन्दू, सिख, जैन और बौद्ध धर्म के लोग आते हैं।
लॉ कमिशन का रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
इस रिपोर्ट में कहा गया है की UCC ऐसा हो जिसमें महिलाओं और पुरुषों के बीच किसी प्रकार का भेदभाव न रहे। सभी धार्मिक आस्थाओं, मान्यताओं और भावनाओं का आदर बना रहे। संबंध विच्छेद यानी तलाक के मामलों में बच्चों के अधिकार सुनिश्चित रखे जाएं, ताकि उसके भविष्य से खिलवाड़ न हो। कोड अधिकतम स्वीकार्यता वाला हो यानी सब लोगों की मंजूरी इसमें शामिल हो और अंत में संविधान की हर कसौटियों पर खरा हो।
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