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नशा नशा करने वाले को मौत के मुहाने पर ले जाता है# क्षेत्र बना नशा कारोबारियों का जनत# युवाओं को धकेल रहे हैं अन्धकार के गटर में

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नशा नशा करने वाले को मौत के मुहाने पर ले जाता है# भरमाड़ का क्षेत्र बना नशा कारोबारियों का जनत# युवाओं को धकेल रहे हैं अन्धकार के गटर में# दुखी होते हैं अभिभावक@ जब उनके युवा बच्चों लगती है नशे की तलव#यह हालत उनसे देखी नहीं जाती@ उनकी आंखों के सामने मर रहा है तिल तिल करके#उनका दिल का टुकड़ा&नशों से लिप्त कई लोगों के घर तबह कर चुका ये नशा, 

सिद्धांथा जवाली 24) 11/2024, राम प्रकाश, रुपेश शर्मा: उपमंडल नूरपुर, जवाली, फतेहपुर व इंदौरा में नशा कारबरियो के लिए जनत है।यह क्षेत्र उडता हिमाचल बना हुआ है यह समस्त उपमंडल पंजाब की सीमाओं से सटटे है उल्लेखनीय है कि पंजाब के युवाओं को पथभ्रष्ट करने के लिए नशों के सौदागर ने मकड़जाल की तरह जकड़ रखा है। पंजाब के अभिभावक चाहकर कुछ नहीं कर पा रहे यही हाल अब हिमाचल प्रदेश के अभिभावकों का है

आखिरकार इन मौत के सौदागर कारोबारी पर अंकुश क्यों नही लगता, क्यों पुलिस और नशा कारोबारियों के बीच शाह मात का खेल चला रहता है। यह रहस्य समझने में पीडि़त व अभिभावक और आम जनता अभी तक नाकाम रहे हैं।

नशा अपराध की जननी है 

परचून कारोबारियों के बजाए नशे के मगरमच्छों पर नकेल कसे पुलिस विभाग  

गौरतलव है उपमंडल जवाली नूरपुर, इंदौरा फतेहपुर में अबैध शराव व चिट्ठा का धंधा जोरो पर है। युवाओं के बीच बढता नशा का प्रभाव चिंता का विषय है। अब तक पुलिस केवल परचून नशा कारोबारियों को पकड़ रही है लेकिन नशे के सौदागर बडे मगरमच्छों से दूर है। तेजी से फैल रहा है यह जानलेवा नशा, बताते चले कि वो दिन दूर नहीं जब नशा पूर्ति के लिए अपराध का ग्राफ अश्चर्यचकित कर देगा और संभलने का समय नहीं मिलेगा।

आओ इन सभी प्रकार के नशों से रूबरूह होवें

सबसे खतरनाक नशे वे होते हैं जो शारीरिक, मानसिक और सामाजिक तौर पर व्यक्ति को गहरा प्रभाव डालते हैं। इनमें से कुछ मुख्य नशे निम्नलिखित होते हैं:

1. **अल्कोहल:** लंबे समय तक अल्कोहल का सेवन शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, जैसे कि लीवर रोग, हृदय रोग, और मानसिक समस्याएँ

2. **नशीली दवाएं:** इनमें शामिल हो सकते हैं ऑपियट्स (अफीम, हेरोइन), सिगरेट, गांजा, और कोकेन जैसी पदार्थे, जो मानसिक समस्याओं के अलावा शारीरिक विकारों को भी उत्पन्न कर सकते हैं।

3. **धूम्रपान:** तम्बाकू उपयोग से जुड़ी समस्याएं श्वासन पथ की समस्याओं से लेकर कैंसर तक पहुंच सकती हैं।

4. **मानसिक नशा:** यह विभिन्न रूपों में हो सकता है, जैसे कि वीडियो गेम या इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग, जो सोशल और पारिवारिक संबंधों को अस्थिर कर सकता है।

विशेष कर इन नशों का उपयोग लंबे समय तक किया जाने पर स्वास्थ्य के विकारों के साथ-साथ परिवार और समाज के साथ भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

भारत में नशों के कारण मौत का आंकड़ा बहुत चिंताजनक है।युवा आज चिंताजनक स्तर पर नशों के दलदल में धंसा हुआ है। यहाँ कुछ मुख्य तथ्य दिए जा रहे हैं:⇓

1. **अल्कोहल:** भारत में अल्कोहल के सेवन से होने वाली मौतों की संख्या सामान्यत: गंभीर ट्रैफिक हादसों, हिमांत समस्याएं, और अन्य कई कारणों से अधिकसोचि

2. **तंबाकू:** तंबाकू के उपयोग से होने वाली मौतों की संख्या भी बहुत अधिक है, जो श्वासन के रोग और कैंसर से संबंधित होती है।

3. **मादक पदार्थ:** गांजा, अफीम, और अन्य मादक पदार्थों का उपयोग भी लोगों की स्वास्थ्य को खतरे में डालता है, जिससे मौत का कारण बन सकता है।

4. **मानसिक नशा:** वीडियो गेम्स, सोशल मीडिया, और इंटरनेट का अत्यधिक उपयोग भी लोगों की जिंदगी को प्रभावित करता है, जिससे मानसिक रूप से अस्वस्थता और अंततः मौत हो सकती है।

इन नशों के कारण होने वाली मौतों के आंकड़े को ठीक से डेटा करना बहुत मुश्किल होता है, लेकिन इनके नकारात्मक प्रभावों का प्रमुख कारक हैं। इसलिए, इन नशों से बचना और समाज में जागरूकता फैलाना बहुत महत्वपूर्ण है।

 नशों के सबसे खतरनाक परिणाम

1 घर में आशांति का वातावरण

2 नशे की पूर्ति के लिए परिवार जनो पर जानलेवा हमला

3 नशों की पूर्ति के लिए घर में दैनिक उपयोग बर्तनों की चोरी हदौं को लांघ जाती है

4 नशों की पूर्ति के लिए आत्मियपरिजनो की हत्या को भी अंजाम दे दिया जाता है।

5 नशों की पूर्ति के लिए लूटपाट डकैती, आधि अपराध करने लगते हैं।

6 नशामुक्ति केन्द्र बहुत पम युवाओं को इस दलदल से वाहिर निकाल पाता है

जरा सोचिए⇔

1 सबसे चिंतनीय, खतरनाक, भयानक, इंसानियत की हदों को तोडने बाला बिषय यह है कि नशे की पूर्ति के सबकुछ कर गुजरने पर आमादा हो जाता है।

2 जिस परिवार पर यह कहर टूटता है वह परिवार शमशान के समान हो जाता है

3 जो लोग इस कारोवार कौ करते हैं या जो इसमें सहायक है। उनकी औलाद भी इस दलदल में धंस जाती है। शायद बददुआओं का असर होता है।

 विशेषकर अगर सरकार या प्रशासन चाहे तो इस नशों के कैंसर को जड़ से खत्म किया जा सकता है। बिना सरकार व प्रशासन की मदत से नशों का धंधा पनप नहीं सकता

नशे से होने वाले कैंसर नशे की लत से महिलाओं एवं पुरुषों में कई प्रकार के कैंसर होने की आशंका बनी रहती है जिनमें गले का कैंसर, मुंह का कैंसर, इसोफेगस कैंसर, लिवर कैंसर, वॉइस बॉक्स का कैंसर, कोलोरेक्टल कैंसर और स्तन कैंसर शामिल हैं। यदि महिलाओं की बात की जाए तो शराब आदि के सेवन से स्तन को सबसे अधिक नुक़सान पहुंचता

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