प्रदेश सरकार या सरकार के किसी नुमाइंदे ने खेती करवाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा/पौंग झील किनारे बीजाई बन्द करवाने की लड़ाई को आगे भी जनहित में लड़ूंगा–मिलखी राम शर्मा
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प्रदेश सरकार या सरकार के किसी नुमाइंदे ने खेती करवाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा ।
India Darpan News Chief Editor Ram Prakash Vats
जवाली,2 सितम्बर 2024:पौंग झील किनारे खाली पड़ी वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर खेती बन्द करवाने को लेकर दर्जनों पंचायतों के लोग मुखर हो गए हैं तथा पंचायत प्रतिनिधियों सहित जनता ने झील किनारे खेती करने वालों के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है।
समाज सेवक मिलखी राम शर्मा-
करण सिंह पूर्व प्रधान, मदन लाल ,करम चंद, उत्तम चंद ,ओंकार सिंह, प्रभात सिंह, रणजीत सिंह ,इंदिरा देवी, रीना देवी ,रविंद्र सिंह ,परस राम, काका राम ,पवन सिंह, रमन कुमार, रमेश कुमार ,जीत कुमार, तरसेम लाल, सुशील कुमार , महेंद्र सिंह , हंसराज, शेरू, ज्ञान सिंह, साहब सिंह, निशा देवी ,सीमा देवी ,बसला देवी, सुनीता देवी, गुलशन, करमचंद ,कुलभूषण, कमल देव , ने दो टूक कह दिया है कि अगर प्रदेश सरकार या सरकार के किसी नुमाइंदे ने खेती करवाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ भी आंदोलन किया जाएगा।
अगर सरकार ने झील किनारे खेती करवाई तो सरकार के खिलाफ कोर्ट का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। इसी को लेकर सिद्धाथा क्षेत्र की दर्जनों पंचायतों के प्रतिनिधियों सहित जनता रविवार को कृषि एवं पशुपालन मंत्री चन्द्र कुमार के घर पहुंचकर झील किनारे खेती बन्द करवाने की पैरवी की।
इसके उपरांत सोमवार कोआज समकेहड़ में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के याचिकाकर्ता एवम् पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा की अध्यक्षता में बैठक करके आगे की रणनीति बनाई। लोगों ने कहा कि झील किनारे खेती करना प्रतिबंधित है लेकिन कोर्ट के आदेशों के बावजूद भी साधन संपन्न कुछ लोग खेती करके मोटी कमाई करते हैं।
उन्होंने कहा किकहा कि झील किनारे खेती करने वाले लोग फसल में जहरीली दवाई डालकर पशुओं को मार देते हैं तथा कई पशुओं को तेजधार हथियार से वार करके लहूलुहान भी कर देते हैं। झील किनारे खेती करने वाले लोग बाड़ा बनाकर बेसहारा पशुओं को उसमें बन्द कर देते हैं तथा बेसहारा पशु बिना पानी-घास के तड़प-तड़प कर दम तोड़ देते हैं।
खेती करने वाले लोग प्रवासी पक्षियों का भी दवाई डालकर या जाल लगाकर शिकार कर लेते हैं जबकि फसलों में डाले जाने वाले कीटनाशक झील के पानी में मिलकर पानी को जहरीला कर रहे हैं जिससे मछलियां मर जाती हैं। उन्होंने कहा कि झील किनारे बीजाई बिल्कुल बन्द होनी चाहिए जिससे बेसहारा पशुओं को चारा मिलेगा तो किसानों की फसल भी तबाह होने से बच जाएगी।
पौंग झील किनारे बीजाई बन्द करवाने की लड़ाई को आगे भी जनहित में लड़ूंगा–मिलखी राम शर्मा
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के याचिकाकर्ता एवम पर्यावरण प्रेमी मिलखी राम शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट आदेशानुसार झील किनारे खेती करना बिल्कुल प्रतिबंधित है लेकिन राजनीतिक दबाव के कारण विभागीय अधिकारी/कर्मचारी खेती को बन्द नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैंने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष भी मसले को उठाया है जिसकी सुनवाई 17 सितंबर को है। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिलाया कि मैं उनके साथ मिलकर झील किनारे बीजाई बन्द करवाने की लड़ाई को आगे भी जनहित में लड़ूंगा।
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