प्रधान व सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों में किया जा रहा भ्रष्टाचार ।
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सरकार की सामूहिक जनहित योजनाऐं लक्ष्य तक पंहुचने से पहले दम तोड़ जाती है.……?
प्रधान व सचिव की मिलीभगत से विकास कार्यों में किया जा रहा भ्रष्टाचार
चूना पीसने, नल मरम्मत, रिबोर व तालाब में पानी भरवाई के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही हुए कार्य
कामसंदा-सीतापुर, रिपोर्टर बिन्दु मौर्या
कमसमंद-सीतापुर प्रदेश की भाजपा सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य करने का लाख प्रयास करें लेकिन सरकार के ही कुछ अधिकारी कर्मचारी सरकार की छवि को धूमिल करने पर लगे हुए हैं। राजधानी से सटे उत्तर प्रदेश सीतापुर में इस समय भ्रष्टाचार के हर दिन समाचार पत्रों की सुर्खियाँ बन रही है। ऐसा भी एक मामला विकासखंड में देखने को मिला। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड कश्मंदा की ग्राम पंचायत गढ़ी करौंदी में सचिव व प्रधान के युगलबंदी से सरकारी पैसे की भयंकर लूट की जा रही है, जिसका परिणाम यह हुआ है कि ग्राम पंचायत में पिछले दो माह में लगभग दो लाख रुपये नल रिपेयर के नाम पर वह लगभग ₹100000 ह्यूम पाइप के नाम पर निकल गया लेकिन पसीने का कहना है कि ग्राम पंचायत में कहीं भी एक भी ह्यूम पाइप नहीं पड़ा है इसी तरह से कांग्रेस चुनाव में पोलिंग बूथ पर ₹19800 का खर्च किया गया है और प्रशासनिक व्यय के नाम पर भी ₹11000 निकल गए कर लिए गए जबकि ग्राम पंचायत में चूना पीसने के नाम पर ₹15800 रुपए कागजों पर खर्च कर दिए गए लेकिन चमड़े का स्पष्ट कहना है कि यहां ग्राम पंचायत में कोई भी पीसने नहीं डाला गया इसी तरह ग्राम पंचायत में तालाब बारवी के नाम पर भी ₹5000 निकल गये । यह तो सिर्फ बंदी ही है अगर उच्च अधिकारी ठीक से ग्राम पंचायत के विकास कार्यों की जांच कर लें तो ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार की बहुत बड़ी पोल खुल्लम खुल्ला लोगों के सामने आ जाएगी।
पंचायत सचिव का पक्ष
जब इस संबंध में पंचायत के जिम्मेदार सचिव सुशील कुमार को फोन किया गया तो फोन उठाने तक मुनासिर नहीं समझे।
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