हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित विजली महादेव शक्तिशाली देवता है जो हर दुआ व संकट मे भगतों की रक्षा व सुरक्षा करते हैं.विजली महादेव की नराजगी कोई भी मोल नहीं लेना चाहता.
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Mandi: हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की पावन भूमि है.प्रदेश के लोगों की देवी देवताओं में गहरा विस्वास और श्रद्धा है विशेष कर हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में लोग अपने जीवन देवी देवताओं के आदेश अनुसार मंगलिक व देवताओं से सम्बन्धित कार्य करते हैं. यही कारण है विजली महादेव देवता द्वारा पूर्व में देव वाणी के माध्यम से रोपवे नहीं लगाने के संबंध में देवता के आदेश पर विचार-विमर्श किया गया।
यह विश्र्व में अनूठी परम्परा है जो देवी देवताओं के गुरु के आदेश से चलती है. हिमाचल परदेश इस परम्परा में अग्रणी है. यह अनूठी एवं दैवीय शक्तियों पर आधारित है. विजली महादेव में यात्रियों की सुविधा के लिए केन्द्र सरकार ने रोपवे बनाने के संदर्भ में निरणय लिया जिस पर विजली महादेव नराजगी जाहिर की. विजली महादेव की नराजगी कोई भी मोल नहीं लेना चाहता.
हिमाचल प्रदेश के मंडी में स्थित विजली महादेव शक्तिशाली व तामस समान के देवता है जो हर दुआ: व संकट मे भगतों की रक्षा व सुरक्षा करते हैं. इसी संदर्भ में बैठक के उपरांत यह तय हुआ कि सभी उपस्थित हारियानों देवता बिजली महादेव के हारियानों की रोपवे के संबंध में एक विशेष बैठक भ्रैण गांव में बिजली महादेव मंदिर परिसर में देवता के कारदार विनेंद्र सिंह जम्वाल की अध्यक्षता में हुई। इसमें खराहल तथा कशावरी फाटी के हारियानों ने हिस्सा लिया। इस बैठक में रोपवे के संबंध में सभी उपस्थित हारियानों की विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें देवता द्वारा पूर्व में देव वाणी के माध्यम से रोपवे नहीं लगाने के संबंध में देवता के आदेश पर विचार-विमर्श किया गया। देवता को देवरथ की उपस्थिति में पूछा जाए और शुक्रवार को भी गूर के माध्यम से अपनी देव वाणी द्वारा बिजली महादेव ने रोपवे नहीं लगाने का कड़े शब्दों में अपना आदेश कायम रखा। जिसे सभी उपस्थित सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से माना गया और यह तय हुआ कि देवता की बात को प्रदेश तथा केंद्र सरकार के ध्यान में लाया जाएगा। विनेंद्र सिंह जम्वाल ने बताया कि पूर्व में भी देवता रोप-वे के संबंध में अपनी नाराजगी जाहिर कर चुके हैं और आज भी सभी हारियानों के सामने पुन: रोपवे लगाने के लिए मना किया है। सभी हारियान देवता के आदेश मानने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार के समक्ष भी अपना पक्ष शांतिपूर्ण रूप से रखेंगे और हमें पूर्ण आशा है कि केंद्र व प्रदेश सरकार इस विषय पर पुनर्विचार करेंगी।
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