इस डेटाबेस की मदद से केवल बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कई झंझटों से मुक्ति दिलाएगा।
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सर्टिफिकेट को एक ही दस्तावेज के रूप में इस्तेमाल किया जायेगा
नई दिल्ली: सरकार राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर जन्म और मृत्यु पंजीकरणों का डेटाबेस तैयार करना चाहती है। बुधवार को लोकसभा में इस बाबत बिल पेश किया गया। इस डेटाबेस की मदद से केवल बर्थ सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कई झंझटों से मुक्ति दिलाएगा। एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स में दाखिला लेना हो या आधार कार्ड जारी करवाना होगा, ड्राइविंग लाइसेंस लेना हो या वोटर लिस्ट तैयार करनी हो, सिर्फ बर्थ सर्टिफिकेट से काम चल जाएगा। शादी के रजिस्ट्रेशन और सरकारी नियुक्तियों में भी बर्थ सर्टिफिकेट ही ‘ऑल इन वन’ डॉक्युमेंट की तरह इस्तेमाल हो जाएगा। केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में ‘रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ (अमेंडमेंट) बिल, 2023’ पेश किया। कांग्रेस ने इस बिल का विरोध किया। मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि प्रस्तावित कानून से निजता के अधिकार का उल्लंघन होता है। कांग्रेस का कहना था कि बर्थ रजिस्टर कराने के लिए पैरंट्स या इनफॉर्मेंट का आधार नंबर देना होना है और राज्य को यह डेटा नैशनल डेटाबेस से शेयर करना पड़ेगा
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक 2023 में क्या कहा गया है?
बिल में रजिस्टर्ड जन्म और मृत्यु का राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय डेटाबेस तैयार करने का प्रस्ताव है।
नए कानून के प्रभाव में आने पर किसी शैक्षणिक संस्थान में दाखिले, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, केंद्र सरकार, राज्य सरकार में पदों पर नियुक्ति को लेकर जन्म प्रमाणपत्र को एक ही दस्तावेज के रूप में प्रयोग करने की बात कही गई है।
बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट में डिजिटल रजिस्ट्रेशन और और इलेक्ट्रॉनिक एग्जीक्यूशन का प्रावधान किया गया है।
बिल के जरिए मेडिकल संस्थानों और प्राइवेट प्रैक्टिशनर्स के लिए डेथ सर्टिफिकेट मुक्त में जारी करना अनिवार्य कर दिया गया है। डेथ सर्टिफिकेट के बदले कोई चार्ज नहीं वसूला जा सकेगा।
बिल लाने का कारण बताते हुए सरकार ने कहा कि सामाजिक परिवर्तन और तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कानून में बदलाव जरूरी था।
बदलाव: बर्थ-डेथ सर्टिफिकेट में डिजिटल रजिस्ट्रेशन
कानून बदलने से क्या फायदे होंगे, जूनियर मंत्री ने बताया
लोकसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह बिल पेश किया। राय ने कहा कि रजिस्टर्ड बर्थ और डेथ के डेटाबेस को अन्य सेवाओं से जुड़े डेटाबेस तैयार करने और अपडेट करने में यूज कर सकते हैं। इसकी मदद से राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR), इलेक्टोरल रोल्स, आधार नंबर, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और अन्य सभी नैशनल डेटाबेस को मेंटेन किया जा सकता है। सरकार के अनुसार, इससे पब्लिक सर्विसेज की डिलिवरी में तेजी आएगी।
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