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हिमाचल में बरसात में फ्लड यानी बाढ़: पूरे भारत में बरसात में मानसून में सदियों से वर्षा होती है और बाढ़ के हालात बनते हैं और लोग सदियों से इससे झूझते हैं! भारत जब आजाद हुआ तो यहां की स्तिथियां बिल्कुल बदतर थीं

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लेखक : Dr सोमल कुमार सोमल

हिमाचल में बरसात में फ्लड यानी बाढ़: पूरे भारत में बरसात में मानसून में सदियों से वर्षा होती है और बाढ़ के हालात बनते हैं और लोग सदियों से इससे झूझते हैं! भारत जब आजाद हुआ तो यहां की स्तिथियां बिल्कुल बदतर थीं और नदियों के कहर अक्सर देखने  को मिलता है

हार उत्तर प्रदेश पंजाब यहां तक बंगाल उड़ीसा मध्यप्रदेश महाराष्ट्र वर्षा के समय बाढ़ से दो चार होते रहे हैं! देश ने आजादी के बाद पंच वर्षीय योजनाएं बना कर देश का सर्वांगीण विकास के लिए कदम बढ़ाए और इसी के तहत सभी बड़ी नदियों पर बांध बनाए इसी कड़ी में सतलुज पर भाखड़ा डैम बना जिसकी नींव भारत के प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 1956 या 57 में रखी और 10 से 12 साल में डैम बन कर तैयार हुआ! ये जो डैम बने इन्हें बहुउद्देशीय योजना या परियोजना का नाम दिया गया इसका मुख्य उद्देश्य पंजाब के साथ राजस्थान में सिंचाई रहा साथ में बिजली उत्पादन और सबसे बड़ा उद्देश्य पंजाब को बाढ़ से बचाना रहा है! और आज दिन तक भाखड़ा पंजाब को सिंचाई के साथ बिजली देता रहा है और बाढ़ से भी बचाता रहा है! भाखड़ा डैम जो बना है इसका एक हिस्सा पंडोह बैराज भी है यह डैम नहीं है यह एक ब्यास के पानी को नहर बना कर सतलुज में मिलाने के लिए है और इससे डेहर में बिजली भी बनाई है! भाखड़ा दुनियां का नदी के नियोजन का एक बेहतरीन उदाहरण है!

समय के साथ विकास की अंधी दौड़ ने गाद से भाखड़ा डैम के साथ पौंग डैम जो इसी परियोजना का हिस्सा है के पानी भराव की क्षमता को लगभग समाप्त कर दिया है यानी अब बरसात के पानी को रोकने में क्षमता कम हुई है! डैम के झील के पानी को बरसात और बरसात के बाद नियोजित तरीके से बिजली बनाने और सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है और भाखड़ा का पानी इंदिरा गांधी नहर के माध्यम से पंजाब और राजस्थान को हराभरा कर रहा है! पंजाब के बड़े क्षेत्र को रिक्लेम किया गया है! इसलिए हिमाचल प्रदेश जिसका बड़ा हिस्सा पानी में डूबा है और लोग विस्थापित होने का दंश आज भी झेल रहे हैं को BBMB जो भाखड़ा पौंग को प्रबंध करता है जिसमें पंजाब हरियाणा का ज्यादा प्रभुत्व है को बिल्कुल कोई लाभ नहीं देता है!

अब आते हैं असल मुद्दे बाढ़ नियंत्रण! जब भी हिमाचल के उपले क्षेत्रों में बरसात में ज्यादा वर्षा होती है तो BBMB के साथ प्रशासन के हाथ पांव फूलने लगते हैं और ये जो हालात पंजाब के साथ ब्यास नदी के पंडोह के नीचे तथा पौंग डैम के नीचे हालात बने है इसका मुख्य कारण है! ऐसे हालात 1988 में बने और बीच बीच में बन रहे हैं! हुआ यह है कि समय के साथ लोगों ने इन नदियों के बहाव में खेती करने के साथ रिहेषी मकान बना कर रहना शुरू कर दिया है और वे प्रभावित होते हैं और फिर राजनीति भी होती है!

इसका हल एक ही है कि पहाड़ों में छोटे छोटे डैम बनाए जाएं साथ में विकास विशेषकर सड़कें बनाना नियोजित तरीके से हो जिसे वाटरशेड प्रबंधन कहा जाता है जिस भाषा को सत्ता नहीं समझती है और लोग समझना नहीं चाहते हैं! पर समझदार नेतृत्व योजना बना कर काम करता है!

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