महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में बड़ा हादसा हुआ है। यहां की एक बस्ती भूस्खलन की चपेट में आ गई। रात को सोते वक्त कई लोगों पर काल का हमला हो गया। मलबे में 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। , 75 लोगों को बचाया गया
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मुंबई: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में बड़ा हादसा हुआ है। यहां की एक बस्ती भूस्खलन की चपेट में आ गई। रात को सोते वक्त कई लोगों पर काल का हमला हो गया।
मलबे में 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। आधी रात को हुए इस हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और अब तक पांच से छह शव निकाले जा चुके हैं। साथ ही कुल 27 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है। इनमें दो से तीन छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इस जगह पर कई बचाव दल काम कर रहे हैं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और अन्य फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। उधर, हादसे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घाहेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं।
शुरुआती जानकारी के अनुसार गांव का 90% हिस्सा मलबे में समा गया है। यहां 30 से 35 आदिवासी घरों की एक बड़ी बस्ती थी। आशंका है कि इस हादसे में बड़ी जनहानि हुई है। 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। अब तक बचाव दल एक महिला और दो बच्चों को बचाने में कामयाब रहा है। चूंकि मिट्टी अभी भी ऊपर गिर रही है। इसलिए बचावकर्मी भी खतरे में हैं।
मुंबई: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के खालापुर तहसील के इरशालवाड़ी गांव में बड़ा हादसा हुआ है। यहां की एक बस्ती भूस्खलन की चपेट में आ गई। रात को सोते वक्त कई लोगों पर काल का हमला हो गया। मलबे में 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। आधी रात को हुए इस हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है और अब तक पांच से छह शव निकाले जा चुके हैं। साथ ही कुल 27 लोगों को सफलतापूर्वक निकाला जा चुका है। इनमें दो से तीन छोटे बच्चे भी शामिल हैं। इस जगह पर कई बचाव दल काम कर रहे हैं। बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और अन्य फंसे हुए लोगों को निकाला जा रहा है। उधर, हादसे को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घाहेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के निर्देश दिए हैं
शुरुआती जानकारी के अनुसार गांव का 90% हिस्सा मलबे में समा गया है। यहां 30 से 35 आदिवासी घरों की एक बड़ी बस्ती थी। आशंका है कि इस हादसे में बड़ी जनहानि हुई है। 120 से ज्यादा लोगों के फंसे होने की आशंका है। अब तक बचाव दल एक महिला और दो बच्चों को बचाने में कामयाब रहा है। चूंकि मिट्टी अभी भी ऊपर गिर रही है। इसलिए बचावकर्मी भी खतरे में हैं।
डीसी दत्तात्रेय नवले और डीसी सरजेराव सोनावणे को क्रमशः चिकित्सा सहायता और बचाव कार्यों के लिए ओएसडी के रूप में तैनात किया गया है। मौके पर चार एंबुलेंस पहुंच गई हैं। आरएच चौक पर स्वास्थ्य अधिकारी और चार डॉक्टरों के साथ चार एंबुलेंस तैयार हैं।
90 फीसदी घर तबाह
शुरुआती जानकारी के मुताबिक इस इलाके के 90 फीसदी घर तबाह हो गए हैं और जानमाल के नुकसान की आशंका है। युद्ध स्तर पर राहत टीमें मौके पर पहुंच गई हैं। हालांकि तेज हवा के कारण कुछ पत्थर अभी भी ऊपर से नीचे आ रहे हैं। इससे बचाव दल के लिए भी खतरा पैदा हो गया है। लेकिन जो लोग फंसे हैं उन्हें तुरंत निकालने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास जारी हैं।
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