महमूदाबाद की एसडीएम शिखा शुक्ला: गरीबों की मसीहा और न्यायप्रिय अधिकारी*
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*महमूदाबाद की एसडीएम शिखा शुक्ला: गरीबों की मसीहा और न्यायप्रिय अधिकारी*
सीतापुर महमूदाबाद-सीतापुर 22/12/2024 :जनपद सीतापुर की महमूदाबाद तहसील में उपजिलाधिकारी (एसडीएम) शिखा शुक्ला का नाम गरीबों और जरूरतमंदों के बीच एक मसीहा के रूप में जाना जाता है। उनकी कार्यशैली और जनता के प्रति उनकी संवेदनशीलता ने उन्हें इलाके में बेहद लोकप्रिय बना दिया है।
*गरीबों को राहत: कंबल वितरण कार्यक्रम*
ठंड और शीतलहर के प्रकोप को देखते हुए एसडीएम शिखा शुक्ला ने जरूरतमंदों की मदद के लिए तहसील परिसर में कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों को कंबल वितरित किए गए। कंबल पाकर गरीबों के चेहरे खुशी से खिल उठे, और बुजुर्ग महिलाओं ने आशीर्वाद देते हुए एसडीएम की प्रशंसा की।
*संवेदनशीलता और न्यायप्रियता की मिसाल*
शिखा शुक्ला न केवल प्रशासनिक कार्यों में कुशल हैं, बल्कि उनकी संवेदनशीलता और सरलता उन्हें जनता के दिलों में खास जगह दिलाती है। हर दिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक वह अपने कार्यालय में जनता की समस्याएं सुनती हैं। खास बात यह है कि उनकी मीठी आवाज और बिना भेदभाव के समस्या को सुनने और हल करने की उनकी शैली की हर कोई तारीफ करता है।
*गरीबों की मदद के लिए समर्पित*
महमूदाबाद में पदभार संभालने के बाद से ही एसडीएम शिखा शुक्ला लगातार सुर्खियों में हैं। उनकी संवेदनशीलता का एक उदाहरण हाल ही में देखने को मिला, जब तहसील दिवस के दौरान उन्होंने गरीब और बेसहारा लोगों को न केवल कंबल वितरित किए बल्कि उनकी समस्याएं भी सुनीं। उनकी इस कार्यशैली के चलते इलाके के लोग उन्हें दिल से सराहते हैं।
*”बड़ी अच्छी बिटिया है,” कहते हैं बुजुर्ग*
कंबल वितरण के दौरान कुछ बुजुर्ग महिलाओं ने उन्हें “बड़ी अच्छी बिटिया” कहकर आशीर्वाद दिया। यह सुनकर वहां मौजूद लोग भावुक हो गए। ऐसे संवेदनशील और न्यायप्रिय अधिकारी की तारीफ हर कोई करता है। शिखा शुक्ला का कहना है कि वह गरीबों और जरूरतमंदों की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं।
इस मौके पर तहसीलदार, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय लेखपाल और अन्य कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
एसडीएम शिखा शुक्ला ने अपने कार्यों से यह साबित कर दिया है कि एक सच्चा अधिकारी वही होता है जो जनता की समस्याओं को न केवल सुने बल्कि उनका समाधान भी करे। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें न केवल प्रशासनिक बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से भी एक आदर्श अधिकारी बना दिया है।
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