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*रिकॉर्डधारी मुख्यमंत्री ने 2 साल में 2000 संस्थान बंद करने का रिकॉर्ड बनाया:जयराम ठाकुर* 

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*रिकॉर्डधारी मुख्यमंत्री ने 2 साल में 2000 संस्थान बंद करने का रिकॉर्ड बनाया : जयराम ठाकुर* 

*शपथ ग्रहण करते ही हजारों संस्थानों पर ताला लटकाने से पहले कौन सा एसेसमेंट हुआ*

*सदन में झूठ बोलकर पूरे प्रदेश को गुमराह कर रहे हैं मुख्यमंत्री*

लाईव प्रसारण

धर्मशाला21/12/2014 IDN H.P.State Chief Bureau,Vijay Samyal:पूर्व मुख्यमंत्री नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुख की सरकार ने एक से बढ़कर एक रिकॉर्ड बनाए हैं। लेकिन दुःख इस बात का है एक भी रिकॉर्ड प्रदेश के भले के लिए नहीं है। मुख्यमंत्री ने झूठ बोलने का रिकॉर्ड ही उन्होंने तोड़ दिया है। संस्थान बंद करने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विधानसभा में एक सवाल के जवाब के माध्यम से यह पता चला कि सरकार ने 2000 के लगभग चलते संस्थान बंद कर दिए हैं। जिसमें से 1000 से ज्यादा स्कूल है। प्रदेश को विकास की उलटी दिशा में जाने का रिकॉर्ड भी माननीय मुख्यमंत्री के ही नाम है।

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प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था का पतन करने का रिकॉर्ड भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम दर्ज हो गया है। जिस प्रदेश में एक भी बच्चों के लिए स्कूल खोलने की पॉलिसी रही हो वहां पर 10 बच्चे, 20 बच्चे, 25 बच्चों की संख्या वाले स्कूलों को बंद करने की तानाशाही सरकार द्वारा की जा रही है। शिक्षा व्यवस्था को इस तरह से बर्बाद करने से बड़ा प्रदेश का कोई दुर्भाग्य हो ही नहीं सकता। शिक्षा ही व्यक्ति, समाज और राष्ट्र के विकास और हर नागरिक को अवसरों की समानता देने का एक मात्र साधन है और उसे सरकार छीन रही हैं। मुख्यमंत्री सिर्फ भाषणबाजी और तालाबाजी से सरकार चला रहे है। सरकार सत्ता के नशे से बाहर आए और शिक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करना बंद करे।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विधानसभा के अंदर मुख्यमंत्री उनके मंत्री कहते हैं कि सभी संस्थान प्रक्रिया के तहत बंद किए गए हैं। संस्थानों को बंद करने के लिए नीड बेस असेसमेंट की प्रक्रिया अपनाई गई है। सरकार का इससे बड़ा और सफेद झूठ कोई हो ही नहीं सकता क्योंकि मुख्यमंत्री ने शपथ ग्रहण करने के अगले दिन से ही संस्थानों पर ताला बाजी शुरू कर दी थी। मात्र एक दिन के अंदर सरकार द्वारा ऐसा कौन सा नीड बेस असेसमेंट करवा लिया गया था जिसके आधार पर हजारों की संख्या में संस्थान बंद कर दिए गए।

विधानसभा के अंदर इस तरीके से झूठ बोलना प्रदेश के मुख्यमंत्री के लिए शोभा नहीं देता है। लेकिन सरकार ने इसे अपनी आदत में शुमार कर लिया है की जो भी बोलना है वह सिर्फ झूठ ही बोलना है। सरकार द्वारा प्रदेश को भी गुमराह किया जा रहा है, विपक्ष को भी गुमराह किया जा रहा है। यह परंपरा सही नहीं है। इससे प्रदेश का बहुत नुकसान हो रहा है और सरकार अपनी जवाबदेही से भाग रही है।

देश में आज तक सिर्फ प्रतिशोध के तहत काम करने वाली न तो ऐसी सरकार देखी और नहीं ऐसा मुख्यमंत्री देखा है। मुख्यमंत्री महोदय ने सिर्फ अपने राजनीतिक प्रतिशोध के लिए अपनी विधानसभा क्षेत्र में हमारी सरकार के द्वारा खोले गए जल शक्ति के डिवीजन को भी बंद कर दिया और बंद करने के 4 महीने बाद फिर से खोल दिया। क्या मुख्यमंत्री प्रदेश के लोगों के बताएंगे कि 4 महीने में ही सरकार को ऐसी कौन जानकारी हाथ लगी कि लोगों की जरूरत बदल गई। मुख्यमंत्री के पास इसका क्या जस्टिफिकेशन है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री है बहुत अच्छी तरह से समझ लें कि विधानसभा झूठ बोलने के लिए नहीं है।वह हर जगह अपने झूठ की दुकान का खोल देते हैं। विधानसभा प्रदेश के हितों से जुड़े मुद्दे उठाने के लिए सरकार के काम काज का हिसाब लिया जाता है। सरकार की जवाबदेही तय होती है, प्रदेश के विकास को गति देने के लिए कानून बनाया जाता है, उस पर चर्चा होती है, लेकिन सरकार ने विधान सभा को भी अपने झूठ बोलने का अड्डा बना लिया है। मेहरबानी करके सरकार इस तरह से सफेद झूठ बोलने से बचे और प्रदेश के हितों को लेकर संजीदगी से काम करे।

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