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महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से अब हिमाचल के किसान औषधीय पौधों की खेती कर सकेंगे।

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से अब हिमाचल के किसान औषधीय पौधों की खेती कर सकेंगे।

IDN H.P.State Chief Bureau,Vijay Samyal

 Dharmshala25.11.2024:हिमाचल प्रदेश सरकार ने लोगों की आमदन को बढाने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से अब हिमाचल के किसान औषधीय पौधों की खेती कर सकेंगे।गौरतलब है कि कोरोना महामारी के उपरांत प्रदेश के लोगों का रुझान औषधीय पौधों की ओर बढ़ा है। औषधीय पौधों तथा उनके बने उत्पादों की भी मांग बढ़ी है।

कैसे करें आवेदन⇒

महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के माध्यम से अब हिमाचल के किसान औषधीय पौधों की खेती कर सकेंगे।खेती करने के लिए संबंधित पंचायत या संबंधित खंड विकास अधिकारी के पास आवेदन कर सकेंगे। इसके तहत उन्हें एक लाख रुपये का बजट जारी किया जाएगा, जिसमें 60 फीसदी लेबर और 40 फीसदी औषधीय पौधे और उनके बीज खरीदने पर खर्च होंगे

जिला कांगड़ा के विकास खंड धर्मशाला से शुरुआत हो चुकी है।

औषधीय पौधों की खेती के लिए जिला कांगड़ा के विकास खंड धर्मशाला से शुरुआत हो चुकी है। इसके तहत विकास खंड धर्मशाला के तहत आती कई पंचायतों की महिलाएं इन औषधीय पौधों की खेती कर रही हैं।

किसानों के परिवार को मिलेगा रोजगार

मनरेगा के अंतगर्त उगाई जाने वाले औषधीय पौधों की खेती के रोजगार का महत्वपूर्ण संसाधन होगा । इस दौरान संबंधित किसान और उसके परिवार को जॉब कार्ड के जरिए अपने ही खेत में मनरेगा के तहत किसान कैमोमाइल, काली तुलसी, ब्रह्मी, मुलेठी, एलोवीरा, अश्वगंधा आदि औषधीय पौधों की खेती कर सकेंगे।

अभिनीत कात्यायन, बीडीओ, धर्मशाला  ने कहा कि…

औषधीय पौधों की खेती करने के इच्छुक किसान संबंधित ग्राम पंचायतों में प्रस्ताव डलवा सकते हैं। इसके अलावा खंड विकास अधिकारी कार्यालय में आकर भी औषधीय पौधों की खेती करने बारे आवेदन कर सकते हैं। इसमें 60 फीसदी लेबर और 40 फीसदी औषधीय पौधों और बीज के ऊपर खर्च किया जाएगा।

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