हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 6 सीपीएस को डिसक्वालिफाई करने वाले हिमाचल हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है.
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हेडलाइन्स
हिमाचल हाईकोर्ट की तरफ से छह सीपीएस की नियुक्ति रद्द कर दी गई थीइस फैसले के खिलाफ हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
शुक्रवार को इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सराकर की याचिका पर नोटिस जारी किया है. साथ ही सरकार से कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की कोई नई नियुक्ति ना करे.
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश सरकार में छह मुख्य संसदीय सचिव बनाए गए थे.इनमें कुल्लू से सुंदर सिंह ठाकुर, पालमपुर से आशीष बुटेल, बैजनाथ से किशोरी लाल, रोहड़ू से मोहन लाल ब्राक्टा, दून से राम कुमार और अर्की से संजय अवस्थी थे।
शिमला/22/12023,चीफ ब्यूरो विजय समयाल: प्रदेश की कांग्रेस सरकार को आज शुक्रवार राहत लेके आया। उच्चतम न्यायालय ने 6 सीपीएस को डिसक्वालिफाई करने वाले हिमाचल हाइकोर्ट के आदेश पर फिलहाल रोक लगा दी है. उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय ने हिमाचल प्रदेश के सीपीएस एक्ट 2006 को असंवैधानिक करार देते हुए निरस्त कर दिया था. साथ ही सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को पद से हटाने और सभी सुविधाएं वापस लेने के आदेश जारी किए थे. इस आदेश के खिलाफ हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार को हाइकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए सराकर की याचिका पर नोटिस जारी किया है. साथ ही सरकार से कहा है कि मुख्य संसदीय सचिवों की कोई नई नियुक्ति ना करे.
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