आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश की जवाली में चल रहा योग शिविर सुबह या शाम खाली पेट जरूर करें अनुलोम-विलोम:डॉ. ममता
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योग भगाये रोग *योग करे निरोगसुबह या शाम खाली पेट जरूर करें अनुलोम-विलोम: डॉ. ममता
आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश की जवाली में चल रहा योग शिविर
अनुलोम विलोम का अभ्यास शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, साथ ही कई तरह की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है
I D N Chief Editor Ram Prakash Vats
जवाली/18/10/2024/ शुक्रवार: योग शरीर के संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। नियमित योगाभ्यास से छोटी से बड़ी कई बीमारियों से शरीर का बचाव किया जा सकता है। यह बात डॉ. ममता गोरा ने जवाली में आयुष विभाग हिमाचल प्रदेश के तत्वावधान चल रहे मासिक सर्वोदय योग शिविर के दौरान कही। इस शिविर का समापन 31 अक्तूबर को होगा। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी योगासनों के नियमित अभ्यास की सलाह देते हैं। वैसे तो कई तरह के योगासन हैं, जो अलग-अलग तरह की शारीरिक एवं मानसिक समस्याओं में असरदार होते हैं लेकिन कुछ योग ऐसे हैं जो मानसिक तौर पर तो आपको स्वस्थ रखते ही हैं, साथ ही शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं।
अनुलोम विलोम का अभ्यास शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है, साथ ही कई तरह की बीमारियों के खतरे को कम करने में मदद करता है। अनुलोम-विलोम श्वास से जुड़ा योगासन है, जिसका अभ्यास सभी उम्र के लोगों के लिए सुरक्षित है।
डॉ. ममता ने कहा कि अनुलोम-विलोम का रेगुलर अभ्यास करने से हम प्राकृतिक तरीके से खुद को शुद्ध कर पाते हैं। आप इससे खुद को नेचुरली तरीके से स्वस्थ रख सकते हैं। इससे न सिर्फ लंग्स से जुड़ी समस्याएं दूर होती है, बल्कि यह हमारे हार्ट को भी सुरक्षित रखने में मदद करता है। हमें सुबह या शाम खाली पेट अनुलोम-विलोम जरूर करना चाहिए। हमारा शरीर तीन दोषों कफ, पित्त और वायु का घर होता है, जिससे हमें तरह-तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अनुलोम और विलोम सबसे अच्छी दवा के रूप में हमारे शरीर पर अपनी प्रतिक्रिया देता है। यह हमारे पाचन शक्ति को संतुलित कर हमें अनेक तरह की होने वाली पाचन संबंधी समस्याओं से छूटकारा दिलाता है। अनुलोम और विलोम से हमें बहुत जल्दी मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। इससे हम मानसिक शांति का अनुभव करते हैं। इस शिविर में लोगों को सभी प्रकार के आसन बताए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि दस मिनट तक इसका अभ्यास सुबह या शाम खाली पेट कर सकते हैं। सुबह पाँच-दस बार इसका अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। अनुलोम-विलोम प्राणायाम के अभ्यास से हम अतिरिक्त शुद्ध वायु भीतर लेते हैं और कार्बन डाईऑक्साइड यानी दूषित वायु बाहर निकाल देते हैं। इससे रक्त की शुद्धि होती है। इस मौके पर जवाली के पार्षद तिलक राज रपोत्रा, डॉ. मनोज रपोत्रा, डॉ. शिल्पी, डॉ. मेघना कश्यप, जवाली मेहरा महासभा के प्रधान शेर सिंह रपोत्रा, डॉ. दीपक, डॉ रवीश मल्होत्रा व अन्य लोग मौजूद रहे।
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