जवाली के लव मे युबा रामलीला क्लब के कलाकारों के द्वारा सीता स्वयंवर व राम विवाह उत्सव के दृश्य का मंचन किया गया।
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*रामलीला मंचन, सीता स्वयंवर देख भाव विभोर हुए दर्शक*
*रामलीला लव मे राजा का तलाब की जस्सी मंहंत ने बैतौर मुख्य तिथि की शिरकत,51000 हजार का दिया दान।*
India Darpan News
H.P.State Chief Bureau,Vijay Samyal
Published by:indiadarpannews.com
महंत जस्सी राजा का तलाब ।
फतेहपुर, 07/10/2024:-जवाली के लव मे युबा रामलीला क्लब के कलाकारों के द्वारा सीता स्वयंवर व राम विवाह उत्सव के दृश्य का मंचन किया गया। जिसमे राजा का तलाब की जस्सी महंत ने वैतौर मुख्य तिथि रुप मे पंहुची। व अपनी तरफ से 51000 हजार रुपये का दान रामलीला कमेटी को दिया । रामलीला मंच से दृश्य में दिखाया गया कि भगवान राम स्वयंवर में जैसे ही प्रवेश करते हैं सब उनके मनमोहक रूप को देखकर मोहित हो उठते हैं। स्वयंवर में महाराजा जनक घोषणा करते हुए कहते हैं कि जो भी राजा धनुष का खंडन करेगा उस राजा से अपनी पुत्री सीता का विवाह करेंगे । राजा जनक की घोषणा को सुनकर संसार के विभिन्न राज्यों से आए राजाओं ने एक-एक करके धनुष को खंडन करने का प्रयास किया लेकिन सभी राजा विफल रहे। धनुष का खंडन तो दूर कोई भी राजा धनुष को हिला तक नहीं पाए। यह सब देखकर महाराजा जनक भरी सभा में एलान करते हैं कि विश्व में कोई भी वीर नहीं बचा जो इस धनुष का खंडन करेगा। उनकी बात को सुनकर भगवान राम के साथ मौजूद उनके भाई लक्ष्मण क्रोधित होते है। लक्ष्मण को क्रोधित होता देख भगवान राम ने उनको शांत किया। यह सब देखकर मुनि विश्वामित्र ने भगवान श्रीराम को आदेश दिया कि वह धनुष का खंडन करें ।भगवान श्री राम गुरु का आदेश का पालन करते हुए धनुष को तिनके के समान उठा कर उसका खंडन कर देते है। भगवान श्री राम के द्वारा धनुष का खंडन करते ही देवताओं के द्वारा पुष्प वर्षा के के साथ अभिनंदन किया जाता है। धनुष तोड़ने के बाद सीता ने भगवान राम के गले में जयमाला डाल दी। सभी देवी देवताओं ने पुष्प वर्षा कर दोनों को आशीर्वाद दिया। रामलीला मंचन में राम विवाह का उत्सव मनाया गया ।महाराज जय प्रिया शरण ने संगीतमय ढंग से प्रभु राम की लीलाओं का गुणगान किया। रामलीला के कार्यक्रम मे वैतौर मुख्य अतिथि रुप मे पंहुची राजा का तलाब की जस्सी मंहंत ने कहा कि भगवान राम और माता सीता का संपूर्ण जीवन मानव को जीवन को सही ढंग से जीने की कला से अवगत करवाता है। भारत का सबसे प्राचीन प्रसिद्ध व पवित्र महाकाव्य रामायण मानव की प्रत्येक समस्या के समाधान के लिए उसे मार्गदर्शन करता है इस मौके पर मंडल के सभी पदाधिकारियों मौजूद रहे।
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