महाराणा प्रताप सागर पौंग झील में डाला जा रहा है मछली का बीज*_
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_*महाराणा प्रताप सागर पौंग झील में डाला जा रहा है मछली का बीज*_
पौंग बांध जलाशय में मछली का बीज डालने से जुड़ी कुछ जानकारीः
साल 2024 कुल 65 लाख मछली का बीज डाला जा रहा है साईज 70 एम एम से उपर है। कतला प्रजाति का 30 लाख, रोहू प्रजाति का 20 लाख, मोरी प्रजाति का 5 लाख व ग्रास कार्प प्रजाति का कुल 10 लाख बीज डाला जा रहा है।
साल 2023 में, पौंग झील में 70 से 80 एमएम साइज़ का मछली का बीज डाला गया था. यह बीज कोलकाता से ट्रकों में लाया गया था.
साल 2022 में, पौंग बांध में मछली का बीज तीन-चार चरणों में डाला गया था. इस बार मछुआरों की आय बढ़ाने के लिए मछली का बीज डाला गया था.
साल 2013 में, पौंग झील में 65 लाख मछली का बीज डाला गया था.
साल 2012 में, पौंग झील में 34 लाख मछली का बीज डाला गया था.
साल 2011 में, पौंग झील में 58 लाख मछली का बीज डाला गया था.
कांगड़ा,25/09/2024 बुधवार:महाराणा प्रताप सागर (पौंग झील) में कतला, रोहू, मोरी व ग्रास कार्प मछली प्रजातियों का बीज डाला जा रहा है जिसका साईज 70 एम एम से उपर का है। हिमाचल प्रदेश मत्स्य विभाग के निदेशक विवेक चंदेल ने बताया कि पौंग झील में इस वर्ष कुल 65 लाख मछली का बीज डाला जा रहा है। कतला प्रजाति का 30 लाख, रोहू प्रजाति का 20 लाख, मोरी प्रजाति का 5 लाख व ग्रास कार्प प्रजाति का कुल 10 लाख बीज डाला जा रहा है। अभी तक कतला मछली का 3,49,929 रोहू का 6,43,680, मोरी मछली का 1,74,484 तथा ग्रास कार्प मछली का 7,62,770 बीज डाला जा चुका है। पौंग जलाशय के सिहाल नामक स्थान पर विभाग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक (डा० राकेश कुमार), स्थानीय मत्स्य सहकारी सभा के सदस्यों व मछुआरों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मत्स्य विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में डाला जा रहा है। इसके अतितिक्त बचे हुए बीज का संग्रहण भी जल्द ही पौंग जलाशय के उपयुक्त स्थानों पर दिया जायेगा। मत्स्य मण्डल पौंग जलाश्य के सहायक निदेशक श्री संदीप कुमार ने बताया कि पौंग जलाशय में 15 सहकारी सभाओं के कुल 3338 मछुआरे मछली पकड़कर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। मछली बीज डालने से झील से मछली आपूर्ति पूरी होगी, तथा इस पर निर्भर मछुआरों की आय में भी वृद्धि होगी।
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