⇒गरीबों के उजड़े आशियाने, तो पक्के मकान पर क्यों नहीं चला बुलडोजर….?
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⇒गरीबों के उजड़े आशियाने, तो पक्के मकान पर क्यों नहीं चला बुलडोजर*
⇒तहसील प्रशासन की मिली भगत से नही चला पक्के मकान पर बुलडोजर*
महमूदाबाद_सीतापुर,17/09/2024 Tuesday:बीते दिनों तहसील प्रशासन की तरफ से शत्रु संपत्ति की जमीन पर अवैध अतिक्रमण करने वाले लोगों के खिलाफ एक विशेष अभियान चलाया गया था। जिस अभियान में शत्रु संपत्ति की जमीन पर कब्जा करने वाले सभी लोगों के खिलाफ बुलडोजर की कार्यवाही की गई थी। *शत्रु संपत्ति की जमीन पर बना पक्का मकान*
तहसील प्रशासन व पुलिस बल के द्वारा शत्रु संपत्ति पर कब्जा करने वाले सभी झोपड़ियां व दुकानदारों पर बुलडोजर चलाकर अवैध अतिक्रमण को हटाया गया था। लेकिन शत्रु संपत्ति की जमीन पर बने पक्के मकान को तहसील प्रशासन के द्वारा कुछ दिन की महूलत देकर छोड़ दिया गया था। अब लोगों का कहना है कि इस मामले में तहसील प्रशासन की मिली भगत के कारण उस पक्के मकान पर बुलडोजर की कार्यवाही नहीं की गई थी। ऐसे में सोचने वाली बात तो यह है कि उसी शत्रु संपत्ति की जमीन पर और भी कई पक्के मकान बने हुए हैं । लेकिन तहसील प्रशासन ने गरीब व्यक्तियों की झोपड़ी व दुकानों पर बुलडोजर क्यों चलाया। इसमें कोई ना कोई तहसील प्रशासन की चाल है। आस पास के लोगों का आरोप है कि इस मामले में तहसील प्रशासन के कुछ अधिकारियों से लेन देन हुआ है। इसी लेनदेन की वजह से इस मामले को दबा दिया गया है। लेकिन यह मामला इतनी आसानी से दबने वाला नहीं है। तहसील प्रशासन के लिए तो सभी लोग एक समान है। अवैध अतिक्रमण जितने लोगों ने भी किया था उन सभी लोगों के खिलाफ समान कार्यवाही की जाए। तो फिर इसमें गरीब और अमीर की क्या बात है। अवैध अतिक्रमण सभी का हटना चाहिए।
⇒क्यों नहीं चला पक्के मकान पर तहसील प्रशासन का बुलडोजर*
जब तहसील प्रशासन के द्वारा अवैध अतिक्रमण को खाली कराया जा रहा था। उसी समय इस मकान को भी हटाया जा सकता था। लेकिन ऐसा क्या कारण रहा की तहसील प्रशासन इस पक्के मकान पर मेहरबान हो गया। और शत्रु संपत्ति की जमीन पर बने इस मकान को बिना कार्यवाही किए ही छोड़ दिया गया। यह सवाल अपने आप में एक अहम भूमिका रखता है।
⇒तहसील प्रशासन के मनमाने तरीके से हटाया गया अवैध अतिक्रमण
महमूदाबाद में शत्रु संपत्ति की जमीन पर कई लोगों ने पक्के मकान बना रखे हैं। महमूदाबाद के कई भूमाफियाओं से लगाकर भाजपा के नेता का भी मकान इसी शत्रु संपत्ति की जमीन पर बना हुआ है। ऐसा क्या कारण रहा की तहसील प्रशासन का बुलडोजर उन सभी लोगों के मकान की तरफ क्यों नहीं घूमा। कहीं सरकार की तरफ से ऐसे लोगों को संरक्षण तो नही मिल रहा। या फिर इन लोगों ने तहसील प्रशासन की मुट्ठी गर्म कर दी है।
⇒गरीबों के हटे आशियाने,तो पक्के मकान क्यों बच्चे*
क्या भाजपा की सरकार में अधिकारी जाति धर्म या पैसा देखकर न्याय करते हैं। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है सभी अधिकारी बिना भेदभाव के कार्यवाही करते हैं। तो फिर शत्रु संपत्ति की जमीन पर बने पक्के मकान पर तहसील प्रशासन का बुलडोजर क्यों नहीं चला। तहसील प्रशासन ने शत्रु संपत्ति की जमीन पर रहने वाले सभी गरीब व्यक्तियों की झोपड़ियो के ऊपर बुलडोजर चलवाने की कार्यवाही की थी। तो क्या तहसील प्रशासन का बुलडोजर इन मकानों पर चलेगा या नहीं। यह सवाल लोगों के दिमाग में खटक रहा है।
⇒अवैध अतिक्रमण मामले में एक लेखपाल की रही विशेष भूमिका*
लोगों ने बताया कि इन मकानों पर बुलडोजर की कार्यवाही तो हो जाती । लेकिन तहसील के एक लेखपाल ने इस मामले में हस्तक्षेप कर अपने अधिकारियों का ध्यान भ्रमित कर दिया था। जिससे तहसील प्रशासन के अधिकारियों का ध्यान इन मकानों पर नहीं पहुंचा। अब आगे क्या कार्यवाही होगी यह देखना बाकी है। क्या तहसील प्रशासन इन सभी पक्के मकान पर बुलडोजर की कार्यवाही कर पाएगा या नहीं यह देखना बाकी है। शायद इस मामले में लेखपाल साहब ने अपनी मुट्ठी गर्म कर ली हो।
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