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तिरंगा उल्टा पकड़ने की छपी खबर, सोशल मीडिया पर ट्रोल, पत्रकारों में रोष

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तिरंगा उल्टा पकड़ने की छपी खबर, सोशल मीडिया पर ट्रोल, पत्रकारों में रोष

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U.P.State Chief Bureau, Anuj Kumar Jain
Published by:indiadarpannews.com

महमूदाबाद-सीतापुर18 अगस्त: विधानसभा 151-महमूदाबाद की विधायक आशा मौर्या द्वारा स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर कार्यकर्ताओं को भारत का राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) वितरित करते हुए राष्ट्र ध्वज को उल्टा पकड़े हुए फोटो खिंच जाने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर काफी ट्रोल किया जा रहा है, साथ ही तिरंगा ध्वज उल्टा पकड़ने की खबर एक अखबार में प्रकाशित होनें के बाद कई भाजपा पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं द्वारा पत्रकार की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं एवं साथ ही लिखा जा रहा है कि उक्त फोटो को गलत दिशा में मोड़ने और पत्रकार महोदय को ऐसा करके सस्ती लोकप्रियता बटोरनें का शौक लगा है,

उक्त तस्वीर को देखनें से स्पष्ट होता है कि उक्त फोटो बाकायदा फोटो सेशन के तहत सूट कराई गई है क्योंकि एकाएक खींची गई फोटो में हर एक के चेहरे पर मुस्कुराहट हो ये जरूरी नहीं है, इसके साथ साथ अन्य लोगों के ध्वज उल्टे हैं, हलांकि ये अलग विषय है लेकिन एक जनप्रतिनिधि के हाथ में राष्ट्र ध्वज उल्टा होना राष्ट्र ध्वज के महत्व की अनिभिज्ञता जाहिर करती है और ऐसे कृत्यों के पश्चात सार्वजनिक रूप से अपने किए पर माफी मांगने के बजाए उल्टे पत्रकार महोदय को विरोधी करार देना एक स्वस्थ दिमाग का काम नहीं हो सकता है, हलांकि आज कल केराजनीतिक दल एवं माननीयों की नजर में एक पत्रकार उनके आगे-पीछे दुम हिलानें वाला होना चाहिए और हर खबर का ड्राफ्ट क्षेत्रीय विधायकों, सांसदों की अनुमति के बाद ही प्रकाशित करना चाहिए?

कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर अभद्रता कराकर समाज के चौथे स्तंभ पर नियन्त्रण करनें का प्रयास किया जाना सर्वथा अनुचित है, ऐसा प्रतीत होता है कि अब एक पत्रकार को अपनी पत्रकारिता का प्रमाणपत्र चाटुकारों से लेना होगा?क्या राष्ट्र ध्वज का अपमान कोई अपराध नहीं है?कोई माननीय है तो वह मनमर्जी राष्ट्र ध्वज का अपमान कर सकता है?

यदि ऐसी नजीर बनीं तो प्रशासन किस हैसियत से एक आम नागरिक को तिरंगे के अपमान पर दंडित कराना सुनिश्चित करेगा?क्या देश और प्रदेश में डबल इंजन की सरकार में जनप्रतिनिधियों को राष्ट्र ध्वज का अपमान करनें की छूट मिली हुई है।

क्या ऐसे कृत्य से भाजपा के राष्ट्रवाद एवं राष्ट्र प्रथम का दावा थोथा साबित नहीं होता है?फिलहाल चाहे वो माननीय हो या अमाननीय होराष्ट्र ध्वज का अपमान और पत्रकार को ट्रोल किया जाना कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

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