उम्र के इस पड़ाव पर कांगड़ा-चंबा की सेवा का बुलावा आया: आनंद शर्मा
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उम्र के इस पड़ाव पर कांगड़ा-चंबा की सेवा का बुलावा आया: आनंद शर्मा
कांग्रेस प्रत्याशी ने जिला कांगड़ा के इंदौरा, ज्वाली और नूरपुर विधानसभा क्षेत्रों में की जनसभाएं
इंदौरा/ ज्वाली /नूरपुर(कांगड़ा), 25 मई जिला चीफ़ ब्यूरो विजय समयाल
इंदौरा/ ज्वाली /नूरपुर(कांगड़ा), 25 मई। कांगड़ा-चंबा संसदीय क्षेत्र के कांग्रेस प्रत्याशी आनंद शर्मा ने जिला कांगड़ा के इंदौरा, ज्वाली और नूरपुर में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व के आदेश पर वे आज कांगड़ा-चंबा की जनता के बीच हैं। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए सौभाग्य की बात थी जब उन्हें चुनाव लड़ने भेजा गया, तब उन्होंने समझा कि उम्र के इस पड़ाव पर शायद उन्हें कांगड़ा-चंबा की जनता की सेवा का बुलावा आया है। उन्होंने कहा कि उनका परिचय सबको मालुम है। अब तक के प्रचार के दौरान उन्होंने कई बातें कहीं हैं और अपने विकास कार्य गिनाए हैं, जो उनके संसदीय क्षेत्र की जनता जान चुकी है।
उन्होंने कहा कि जब वह मनमोहन सरकार में वजीर थे तो हिमाचल के कई क्षेत्रों में बड़ी संस्थाएं बनाईं। कभी नहीं सोचा था कि वह यहां की जनता के बीच चुनाव लड़ने आएंगे, ऐसे में उनके समय में खोली गई संस्थाएं खुद उनकी प्रतिबद्धता की गवाही देती हैं। उन्होंने हिमाचल की जनता का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें दिल्ली की सरकार के दस साल पहले किए गए वायदों और वादा खिलाफी तुलना करनी है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने विस चुनाव में ओपीएस, महिलाओं को 1500 रुपये महीना समेत जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है। जो वायदे शेष बचे हैं उन्हें भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हिंदुस्तान की ताकत को पहचानती है और इसकी सोच भारत की आत्मा है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान 18 भाषाओं को मानता है। भारत के निर्माताओं ने आजादी के बाद देश की जनता को प्रजातंत्र और संविधान का वादा करते हुए सबको एक समान अधिकार का वादा किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा के इरादों पर संविधान को लेकर सवालिया निशान हैं। चुनाव की नोटिफिकेशन से पहले ही भाजपा ने अबकी बार 400 पार का नारा देकर जहां अपने अहंकार का परिचय दिया था, वहीं बड़ा बहुमत हासिल करके देश के संविधान को बदलने के इरादे भी जाहिर किए थे। दस साल पहले बेरोजगारी, महंगाई कम करने के दावे किए थे और किसानों की आय दोगुना करने के साथ हर व्यक्ति के खाते में 15 लाख डालने की बातें की गई थीं, जो पूरी नहीं हो सकी हैं।
उन्होंने कहा कि आज पहली बार वोट डालने जा रहे युवाओं को भी सोचना होगा कि वर्ष 2014 में उनके भविष्य को लेकर जो सपने दिखाए गए थे, क्या वे पूरे किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सोच बिना भेदभाव के सबको साथ लेकर चलने की है, जबकि विरोधी दल देश में भाषा, जाति और मजहब के नाम पर लकीरें खींच रहे हैं।
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