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पाल्हापुर नरसंहार हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा हत्यारा निकला बड़ा भाई अजीत सिंह। 

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पाल्हापुर नरसंहार हत्याकांड का पुलिस ने किया खुलासा हत्यारा निकला बड़ा भाई अजीत सिंह।

    सीतापुर रामपुर मथुरा,जिला चीफ़ ब्यूरो अनुज कुमार जैन, बिन्दु मौर्या की रिपोर्ट

पूर्व में नरसंहार का हत्याकांड पुलिस को यह जानकारी प्राप्त हुई कि ग्राम पाल्हापुर में चार लोगों की मृत्यु हो गयी है व दो बच्चों को घायल अवस्था में उपचार हेतु लखनऊ भेजा गया है। सूचना प्राप्त होते ही थाना प्रभारी रामपुर मथुरा, क्षेत्राधिकारी महमूदाबाद, अपर पुलिस अधीक्षक (दक्षिणी), पुलिस अधीक्षक सीतापुर व समस्त सम्बन्धित पुलिस बल मौके पर पहुंचा। मौके पर एफ0एस0एल0 टीम, सर्विलांस टीम तथा एस0ओ0जी0 की टीम भी पहुंची। मौके पर उपस्थित ग्रामीणों तथा अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की गयी। मौके पर उपस्थित अजीत सिंह (जो पेशे से प्राइमरी अध्यापक है) पुत्र स्व. वीरेन्द्र सिंह निवासी पाल्हापुर द्वारा पुलिस टीम को बताया गया कि शुक्रवार की रात्रि समय लगभग तीन से चार बजे के बीच उसके भाई अनुराग सिंह उम्र 45 वर्ष पुत्र स्व.वीरेन्द्र सिंह द्वारा हथौड़े व अवैध असलहे से अपनी मां सावित्री सिंह उम्र 62 वर्ष, पत्नी प्रियंका सिंह उम्र 40 वर्ष, पुत्री आर्ना सिंह उम्र 12 वर्ष, आश्वी सिंह उम्र 10 वर्ष व पुत्र आद्विक सिंह उम्र 05 वर्ष की हत्या कर दी गयी है व स्वयं को अवैध तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या कर ली गयी है। कतिपय ग्रामीणों द्वारा 02 बच्चों को निजी कार द्वारा अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 01 बच्चे की अस्पताल पहुंचने से पूर्व मृत्यु होना बताया गया तथा दूसरे बच्चे को उपचार हेतु ट्रामा सेंटर लखनऊ ले जाना बताया गया जहां पहुंचने से पूर्व उसकी मृत्यु हो गयी। अजीत सिंह द्वारा बताया गया कि मृतक अनुराग सिंह के नशे के आदी होने व उसकी लत के कारण पति-पत्नी में पारिवारिक विवाद हुआ, जिसके क्रम में अनुराग सिंह द्वारा उक्त घटना को अंजाम दिया गया । अजीत सिंह ने यह भी बताया कि वह स्वयं की सुरक्षा हेतु स्वयं को अपने कमरे में बन्द कर लिया। अजीत सिंह द्वारा दी गयी तहरीर सूचना के आधार पर मु0अ0सं0 196/2024 धारा 302 भा0द0वि0 मृतक अनुराग सिंह उपरोक्त के विरुद्ध थाना रामपुर मथुरा पर पंजीकृत किया गया। पुलिस द्वारा पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्यवाही, एफ0एस0एल0 के द्वारा साक्ष्य संकलन की कार्यवाही मौके से की गई व तत्समय उपलब्ध जानकारी मीडिया को उपलब्ध करायी गयी ।

एफ0एस0एल0 टीम द्वारा मौके से एक हथौड़ा, मृतक अनुराग के कमरे से एक 315 बोर तमंचा व 08 जिन्दा कारतूस बरामद किये गये। घर के विभिन्न स्थानों से 04 खोखा कारतूस भी बरामद किये गये व एफ0एस0एल0 टीम द्वारा तमंचे में फंसा एक खोखा कारतूस, शवों से ब्लड सैम्पल, डी0एन0ए0 सैम्पल, रक्त रंजित कपड़े व अन्य सम्बन्धित सामान भी बरामद करके जांच हेतु एफ0एस0एल0 लैब भेजा गया ।

दिनांक 12.05.2024 को सुबह पुलिस को सभी मृतकों की पी0एम0 रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें 03 मृतकों (अनुराग सिंह, उनकी पत्नी प्रियंका सिंह, पुत्री आर्ना सिंह ) को फायर आर्म इंजरी तथा सभी 06 मृतकों के कन्ट्यूजन व अब्रेजन के निशान चेहरे व अन्य शरीर के भागों से पाये गये। विभिन्न शवों पर इसके अतिरिक्त भी कतिपय चोट के निशान पाये गये । अनुराग सिंह की पी0एम0 रिपोर्ट से यह जानकारी हुई कि अनुराग सिंह के सिर में 02 गोलियां लगी हैं व सिर पर हथौड़े का वार भी है । 

उपरोक्त पी0एम0 रिपोर्ट के गहराई से अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि अनुराग सिंह, जिसके द्वारा सभी की हत्या करते हुए स्वयं आत्महत्या करना अजीत सिंह के द्वारा बताया गया था, उसके सिर में 02 गोलियां पाया जाना इंगित करता है कि उसकी हत्या की गयी है । पी0एम0 रिपोर्ट से उपरोक्त जानकारी होने पर थाना रामपुर मथुरा पुलिस, एस0ओ0जी0 टीम व एस0टी0एफ0 की टीम के द्वारा अजीत सिंह, उसकी पत्नी विभा सिंह व गांव के अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी । पूछताछ के क्रम में सभी प्रकार के साक्ष्यों, सभी सम्बन्धित व्यक्तियों की सीडीआर तथा पी0एम0 रिपोर्ट के आधार पर अजीत सिंह से गहराई से पूछताछ की गयी, जिसमें उसके द्वारा स्वयं सम्पूर्ण घटना कारित करना तथा पुलिस व मीडिया को गुमराह करके सबूतों से छेड़छाड़ करते हुए घटना को हत्या/आत्महत्या का रूप देना स्वीकार किया गया है । 

अजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता वीरेन्द्र सिंह का लगभग 01 वर्ष पूर्व निधन होने के पश्चात उसकी तथा उसके भाई अनुराग सिंह के बीच पैसे व जमीन को लेकर कहासुनी, वाद-विवाद होने लगा । अनुराग सिंह, जो एक पढ़ा-लिखा युवक होने के बावजूद लगातार शराब के सेवन का आदी था, जिसके कारण अजीत सिंह स्वयं को समाज में अपमानित महसूस करता था। अजीत सिंह के पिता के द्वारा के0सी0सी0 लोन की कुल 24 लाख की रकम बकाया थी, जिसका भुगतान करने से पूर्व ही अजीत सिंह के पिता की मृत्यु हो गयी । अजीत सिंह के अनुसार लोन की रकम कौन चुकायेगा, इस बात को लेकर अजीत सिंह व अनुराग सिंह तथा अनुराग सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह के बीच कई बार वाद-विवाद हुआ । अनुराग सिंह के द्वारा गर्मी के अंत में तरबूज की फसल की बिक्री के बाद अपने हिस्से का लोन चुकाने का वादा किया गया था । दिनांक 10.05.2024 की शाम को अजीत सिंह अपने गांव पाल्हापुर आया जहां उसकी मां सावित्री सिंह व भाभी प्रियंका सिंह द्वारा उसे बताया गया कि वह (अनुराग सिंह) लोन चुकाने में असमर्थ है । इस बात पर अजीत सिंह गुस्से से भर गया । उसने शाम के समय घर में बनी खिचड़ी में नींद की 04-05 गोलियां मिला दीं और सभी के सोने का इंतजार करने लगा । अजीत सिंह के द्वारा बताया गया कि उसका उद्देश्य अपने भाई व भाभी की हत्या करना था । मां व बच्चों को केवल नींद की गोली देकर सुलाना चाहता था । तत्पश्चात् अजीत सिंह को पता चला कि परिवार के सभी लोग बाहर से खाना खाकर आये हैं और किसी के द्वारा भी उस खिचड़ी को नहीं खाया गया । अजीत सिंह प्रथम तल पर बने अपने कमरे में जाकर लेट गया। रात्रि 02.00 बजे के पश्चात् अजीत सिंह के द्वारा प्रथम तल पर बने प्रियंका सिंह व बच्चों के कमरे का बिजली का मेन पावर स्विच ऑफ कर दिया गया, जिससे गर्मी के कारण प्रियंका सिंह कमरे से बाहर आ गयी, जहां अजीत सिंह ने उसकी हत्या कर दी। तत्पश्चात् गोली की आवाज सुनकर जगने के कारण मां की हत्या की गयी। फिर अनुराग सिंह के कमरे में उसकी हत्या की गयी तत्पश्चात् अजीत सिंह ने बड़ी लड़की आर्ना सिंह को साथ ले जाकर यह समझाने की कोशिश की कि उसके पिता द्वारा मां व पत्नी की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की है, किन्तु बड़ी लड़की आर्ना सिंह नहीं मानी और चिल्लाने लगी। अन्य दोनों बच्चे भी चिल्लाने लगे। अतः अजीत सिंह द्वारा तीनों को बारी-बारी ले जाकर छत से फेंक दिया गया। फिर नीचे आकर उनके तब तक जिन्दा होने के कारण पुनः हत्या का प्रयास किया गया। इसके पश्चात उसके द्वारा फोन करके अपनी पत्नी, अपने अन्य रिश्तेदारों व गांव के अन्य व्यक्तियों को अपनी बनायी हुई कहानी बतायी गयी। यह सभी फोन कॉल प्रातः 04.15 बजे से 05.00 बजे के बीच की गयी। लगभग 05.00 बजे अजीत सिंह के पड़ोस में रहने वाली ताई के चिल्लाने पर गांव के लोग बड़ी संख्या में धीरे-धीरे एकत्र हो गये । अजीत सिंह के रिश्तेदार मौके पर पहुंच गये। उनके द्वारा देखा गया कि 02 बच्चों की मृत्यु तब तक नहीं हुई थी और उनके शरीर में कुछ हरकत बाकी थी। अतः ग्रामीणों द्वारा दोनों बच्चों को अनुराग सिंह की कार द्वारा महमूदाबाद ले जाया गया, जहां पहुंचकर एक बच्चे की मृत्यु हो गयी व एक बच्चे को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेजा गया, जहां पहुंचने से पहले उसकी भी मृत्यु हो गयी । यह प्रकाश में आया है कि अजीत सिंह के द्वारा गाड़ी की चाभी देने में भी काफी समय व्यतीत किया गया।

 *अजीत सिंह से पूछताछ व अन्य प्रकार से किये गये साक्ष्य संकलन में निम्न बिन्दु प्रकाश में आये*

1. घटना अकेले अजीत सिंह द्वारा कारित की गयी। घर में किसी भी प्रकार की अन्य आमद के साक्ष्य अभी तक की जांच में उपलब्ध नहीं हैं।*

2. सी0डी0आर0 एनालिसिस से ज्ञात हुआ कि घटना के समय अजीत सिंह की पत्नी, साला, ससुर, बहन, बहनोई, ताई के दोनों लड़के व अन्य प्रमुख रिश्तेदार अपने-अपने घरों पर मौजूद थे, जिससे घटना में उनकी संलिप्तता का साक्ष्य नहीं मिला। मौके पर भी ऐसा कोई अन्य मोबाइल नम्बर एक्टिव नहीं पाया गया, जो संदिग्ध हो । 

3. अनुराग सिंह वर्ष 2023 में एक महीने नशा मुक्ति केन्द्र तथा वर्ष 2024 में एक दिन के लिये नशा मुक्ति केन्द्र लखनऊ में रहा । के0सी0सी0 का लोन भी शेष होना पाया गया, जिससे अजीत सिंह के द्वारा उक्त अपराध कारित करने का कारण स्पष्ट होता है । 

4. मौके पर पुलिस टीम द्वारा क्राइम सीन रिक्रिएशन भी किया गया, जिससे अजीत सिंह के बयानों की सत्यता परखी गयी, जो प्रथमदृष्टया सही पायी गयी । 

साक्ष्य संकलन के क्रम में विभिन्न व्यक्तियों के रक्त का नमूना, डी0एन0ए0 नमूना, फिंगर प्रिन्ट संकलित किया गया । हत्या में प्रयुक्त हथियार (आला कत्ल) भी संकलित किया गया, जिसका एफ0एस0एल0 परीक्षण होने के पश्चात प्राप्त एफ0एस0एल0 रिपोर्ट विवेचना में सम्मिलित की जायेगी । विवेचना क्रम में अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर जांच प्रचलित है । भविष्य में प्राप्त होने वाले अन्य तथ्यों के आधार पर सभी बिन्दुओं पर गहराई से जांच की जायेगी। 

पंजीकृत अभियोग- मु0अ0सं0 196/24 धारा 302 भादवि गिरफ्तारी अन्तर्गत – धारा 302/201 भादवि व 25(1-बी) आर्म्स एक्ट थाना रामपुर मथुरा सीतापुर।बरामदगी आला कत्ल एक अदद 315 बोर तमंचा व 08 अदद जिन्दा कारतूस तथा 05 अदद खोखा कारतूस (315 बोर) व 01 हथौड़ा ।एस.ओ.जी.पुलिस टीम निरीक्षक सत्येन्द्र विक्रम सिंह .उ0नि0 प्रदीप पाण्डेय उ0नि0 राजबहादुर मय टीम।

एस.टी.एफ.पुलिस टीम निरीक्षक दिलीप तिवारी उ0नि0 विनोद सिंह मय टीम और फॉरेंसिक टीम–उ0नि0 राकेश कुमार मय टीम। थाना रामपुर मथुरा पुलिस टीम प्रभारी निरीक्षक महेश चन्द्र पाण्डेय.वरिष्ठ उ0नि0 फूलचन्द सरोज उ0नि0 संजय सिंह हे0का0 अनूप सिंह का0 विकास गौतम का0 नकुल का0 मोहिताब मौजूद रहे।

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